Fire capped tit spots in Ranthambore first time- New update.

Fire capped tit spots in Ranthambore first time- New update.

Photo courtesy by nature guide, Ghanshaym Singh , Ranthambore National Park.

Fire-Capped tit- A Himalayan bird with orange flame (Cephalopyrus flammiceps)

Ranthambore | 25 September 2021

पिछले साल 26 नवम्बर 2020 को रणथंभौर के हैलीपेड़ क्षेत्र में, सुबह के समय नेचर गाइड़, घनश्यामसिंह ने एक छोटी सी चिड़िया, “फायर कैप्ड् टिट (Fire capped tit)” को पहली बार देखा। यह एक भारतीय पक्षी है जिसका वैज्ञानिक नाम," सेफलोपाइरस फ्लेमिसेप्स (Cephalopyrus flammiceps)" है, जो पेरिडी (Paridae) परिवार की सदस्य है।

यह रणथंभौर में एक दुर्लभ पक्षी है, जिसे पहली बार, नेचर गाइड़, घनश्याम सिंह ने फोटो के साथ रिर्पोट किया है। नेचर गाइड, घनश्याम सिंह ने कहा, “ सफारी के बाद, जब मैं पयर्टको को होटल छोड़ कर वापस लौट रहा था। इसी दौरान, मैं अपने आस-पास के क्षेत्र को स्केन भी कर रहा था, तभी मेरी निगाह फायर कैप्ड् टिट् पर पड़ी, पहली बार में मुझे विश्वास नहीं हुआ। इसलिये मैंने एक फिर से देखा, इस बार भी फायर कैप्ड् टिट, एक टहनी से दूसरी टहनी पर फुदक रही थी। मैंने तुरन्त केमरा निकाला और फोटो खिंचना शुरू कर दिया। फोटो लेने के बाद, मैंने उसी पेड़ को तसल्ली से देखा, इस बार मैंने फायर कैप्ड् टिट् का पूरा एक झुण्ड़ पाया, जिस में " 9-फायर कैप्ड् टिट" थी। यह मेरे लिये रणथंभौर में एक बड़ी उपलब्धि थी।

Fire capped tit

Photo courtesy by nature guide, Ghanshaym Singh, Ranthambore National Park.


यह एक छोटी चिड़िया है, जिसकी लंबाई 8.5-9.5 सेंटीमीटर है और इसका वजन करीब 7 ग्राम होता है। इसके सिर पर एक मुकुट जैसी आकृति होती है, जो गहरे जैतून एंव भूरे रंग की होती हैं । इसके शरीर के ऊपरी हिस्से का रंग पीला, जैतून एंव हरे रंग का होता है। इस पक्षी की पूंछ गहरे भूरे रंग की होती है जिस पर सफेद रंग के छोटे-छोटे धब्बे या छोटी-छोटी हल्की सी धारियां जैसी आकृति दिखाई देती है। इसकी चोंच और पैरों का रंग गहरा भूरा होता है । इसकी भौंहे और आंख के चारों का रंग लाल व सुनहरा पीला होता है।

" फायर कैप्ड् टिट् (Fire capped tit) "

इस पक्षी का मुख्य भोजन कीड़े-मकोड़ों (small invertebrates ), फूल-कलिया, ताजी पत्तियां ,एंव पौधों का रस है। यह अक्सर पौधों के ऊपरी भाग से लेकर पौधों के मध्य भाग पर अपने भोजन की खोज करती है, जिसे कैनापी (Canopy) कहा जाता है।

यह पक्षी मूलरूप से भारत के हिमालय क्षेत्र का निवासी है, जो आमतौर पर सर्दियों में चौड़ी पत्तियों वाले पहाड़ी जंगलों में 1800 से 4000 मीटर तक की ऊँचाई में प्रजनन करते हैं। इस दौरान ये पक्षी बाग-बगीचो, र्पाको, नदियों एंव झीलों के किनारे घनी झाड़ियों पर पाये जाते हैं।

इस परिवार की, दूसरी चिड़िया, जिसे Cinereous tit (Great tit) कहा जाता है, जिसका वैज्ञानिक नाम,“ Parus cinereus ” है, जो रणथंभौर में आसानी से मिल जाती है।

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